सही श्रीयंत्र मे नौ स्तर होते हैं। सभी नौ स्तरों की उचाई बराबर एवं सही होनी चाहिए। यह एकरूपता श्रीयंत्र की ज्यामिति में समरूपता लाती है।
श्रीयंत्र के नौ स्तर है
1. बिन्दु (शीर्ष में ऊपर की ओर)
2. त्रिकोण (त्रिभुज)
3. अष्टार (आठ त्रिकोण)
4. अंतर्दशार (दस अंदरूनी त्रिकोण)
5. बाह्यदशार (दस बाहरी त्रिकोण)
6. चतुर्दशार (चैदह त्रिकोण)
7. अष्टदलकमल (आठ कमल की पंखुडीयाँ)
8. षोडशदलकमल (सोलह कमल के पंखुडीयाँ) एवं
9. भुपूर (तीन वृत)
बाज़ार में उपलब्ध दोषपूर्ण श्रीयंत्रों की ज्यामिति में अतिरिक्त स्तर पाए जाते हैं, जिसके कारण वे सही फल नही देते।