श्री यंत्र की स्थापना का मुहूर्त
श्री यंत्र को किसी भी शुभ दिन (विशेषकर सोमवार बुधवार शुक्रवार अथवा नवरात्री होली दिवाली शिवरात्रि गुरुपुष्य रवि पुष्य नक्षत्र अक्षय तृतीया धनतरेस दे दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है )
श्री यंत्र स्थापना की दिशा
श्री यंत्र को ऑफिस के टेबल घर दुकान के उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित किया जाये बड़े श्री यंत्र को घर ऑफिस के मध्य में स्थापित किया जाये जिससे श्री यंत्र का दिव्य प्रभाव हर जगह सामान रूप से हो
श्री यंत्र स्थापना की विधि
A. लाल रिबन को ऊपर उठाते हुए श्री यंत्र को लकड़ी के आधार सहित बॉक्स से बहार निकाले, श्री यंत्र अलग हटा ले
B. लकड़ी का आधार उसी जगह रखे जहा श्री यंत्र की स्थापना करनी हो
C. प्रिंटेड श्री चक्र को आधार पर रखे उसमे लिखी दिशाओ को, उस जगह की दिशाओ से मिलते हुए लकड़ी के आधार को व्यस्थित करे.
D. प्रिंटेड श्री चक्र के त्रिकोणो एवं श्री यंत्र के त्रिकोणो का मिलान करते हुए श्री यंत्र को प्रिंटेड श्री यंत्र के ऊपर रखे
E. बॉक्स के ऊपरी भाग में रखे पांच ऐक्रेलिक शीट बहार निकाले
F. अब ऐक्रेलिक शीट का कव्हर बनाने हेतु प्लेन जगह पर सबसे बड़ी शीट रखे फिर दो शीट खड़ी कर नीचे रखी शीट के दोनों फेस से फसाये
इसी तरह अन्य दो शीट दूसरी ओर खड़ी कर नीचे रखी शीट व अन्य दो शीट से फसाये
G.कवर तैयार हो गया
इसे उल्टा कर के श्री यंत्र के लकड़ी के आधार पर रखे
H. शेष सुन्दर बॉक्स
का अन्य उपयुक्त इस्तेमाल करे
अनुशंसा पौराणिक शास्त्र सौभाग्वतिलक्ष्मीउपनिषद के अनुसार श्री यंत्र का वजन १६० माशे (१५४ ग्राम ) या उस से अधिक का उत्तम तथा जितना बड़ा हो उतना अधिक प्रभाव मन जाता है
अत्त: छोटी जगह पर न्यूनत्तम अनुशंसा से बडा श्री यंत्र स्थापित करने से बेहत्तर ब शीघ्र परिणाम मिलते हैं
उदहारण के लिए- आफिस अथवा काम की टेबल में स्थापित करने हेतु छोटा साइज़ (S- 81 मी.मी.) का श्री यंत्र अनुशंषित है किंन्त.. बडे साइज, (L -108 मी.मी.) के श्री यंत्र को स्थापित कर कर कोई भी बेहत्तर परिणाम पा सकता हैं
बडी जगहों जैसे अस्पताल, मॉल उद्योग आदि एवं वहॉ कै लोगों को ऊर्जावान करने हेतु एक (EL ) – 243 मी मी को मध्य तथा चार (EL .) – 243 मी मी चारों कोनो पर स्थापित करना चाहिए
स्वर्ण श्री यंत्र तीन आकार में सभी स्थान की उपयोगिता हेतु उपयुक्त है
मंगल कार्य जैसे गहप्रवेश, वास्तु पूजन, विवाह, नए व्यसाय का आरम्भ जनेऊ संस्कार आदि का आरम्भ स्वर्ण श्री यंत्र की स्थापना व पूजन के साथ करने से श्रेष्ट्र परिणाम प्राप्त होता है
ऊँचाई | उपयोग की न्यूनतम अनुशंसा |
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छोटा(S)-81 मी. मी. | पूजा,गृह, स्टडी एवं कार बस ट्रक में स्थापित करने हेतु | |
बड़ा (L)-108 मी. मी. | 3000 वर्गफुट से कम के घर, दुकान ऑफिस उद्योग आदि एवं वहा के लोगो को ऊर्जावान करने हेतु एवं ऑफिस के बॉस के टेबल पर कार बस ट्रक पर स्थापित करने हेतु |
सबसे बड़ा (EL)- 243 मी. मी. | 3000 वर्गफुट से बड़ा घर, दुकान ऑफिस उद्योग आदि एवं वहा के लोगो को ऊर्जावान करने हेतु एवं ऑफिस के बॉस के टेबल पर मॉल अस्पताल पर स्थापित करने हेतु |